Monday, February 7, 2011
दिल चाहता है......
फिर से सपने सजाने को दिल चाहता है......
तुमसे मिल के आने को दिल चाहता है .....
है तुम्हारे मानाने का अंदाज़ कुछ ऐसा.....
की फिर से रूठ जाने को दिल चाहता है.....
तुम्हारे साथ हर पल है इतना खुबसूरत ....
की हर पल में बस जाने को दिल चाहता है.....
तुमसे हर सुबह होती है इतनी सुहानी.....
की हर रात को भूल जाने का दिल चाहता है....
हर शाम है दिलकश तुम्हारे होने से....
की हर सुबह को फूक से उड़ाने को दिल चाहता है....
नयी मंजिल मिली है मुझे तुम में...
की हर खुशी को तुमसे मिलाने को दिल चाहता है ....
ज़िन्दगी को खुशियों से भर दिया है तुमने ....
की अब तुम्हे दिल में सजाने को दिल चाहता है...
फिर से सपने सजाने को दिल चाहता है......
तुमसे मिल के आने को दिल चाहता है .....
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ReplyDeletenice words, mast hai, aacha likhti ho,baar baar padhne ko dil chahta hai...
ReplyDeleteNice thoughts...keep it up
ReplyDeletegud, romantic.
ReplyDeleteNever ever seen or heard anything this romantic..
ReplyDelete:)
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