राह तकी थी इस रस्ते पे चलने की कबसे
मंजिल को पाने की जिद्द थी पहले सबसे
बड़े उत्सुक थे उम्र के इस पड़ाव को पाने को
इस कॉरपोरेट की भीड़ में खो जाने को
वक़्त यही रुक जाये ऐसी उम्मीद बंध जाती है
उन बीते पालो की याद से अब तो आँखे भर आती हैं
कहा करती थी ये ज़िन्दगी के सबसे मुश्किल साल है स्कूल के
अब तो वो साल परियो की कहानियो की याद दिला जाती हैं
सोचती हूँ वो खेलते दिन वो जागती रातें कहा गई
अब तो कुछ खामोश बातें , कुछ बोलती यादें रह गई
अब मुझसे अपने होमेवोर्क कौन करवाएगा ?
अब बगल के खेत से गन्ने तोड़ के कौन लायेगा?
हर रोज़ सुबह अब मेरे नाश्ते में पराठे कौन खिलायेगा
कौन मेरे बैग में रखे chocolate अब चुरा के खायेगा
कौन अब प्यार से timon कह के बुलाएगा
कौन अब "चुप कर उल्लू" कहके मेरी ही बात मुझे समझेगा
कब हम अपने स्कूल बस की हवा निकालेंगे
कब बारिश में भी फूट बाल और वोल्ली बाल खेलेंगे ?
अब teachers के अलग अलग नाम कब रख पाएंगे
अब दूर तक अपनी सएकिल से कब जायेंगे
उमर के जिस मोड़ पे हम खड़े है
जाने किन किन मुश्किलों से लड़े है
अपनी अपनी ऑफिस में सब बड़े होंगे
पर फेल होने पे भी तिस मार होने का एहसास कौन दिलाएगा
कौन अब छोटे बाल कटाने पे बंदरिया कह के चिड़ायेगा
कौन हर साल राखी पे अगले साल कार दिलाने के सपने दिखायेगा
उन दिनों कितनी जल्दी में बड़ा होना था
बड़े हो कर प्यार के एहसास भी करना था
अब यहाँ आकर अक्सर ये सोचती हूँ
की इन् टूटे दिलो से अच्छा तो अपना वो फूटा घुटना होता था
काश वो दिन कही से लौट आते
फिर से वो ही दोस्त कही से मिल जाते
पर अब तो सब अपने अपने कामो में व्यस्त है
इसी लिए किसी को ढून्ढ पाना मुमकिन नही
बस यही सोच के उन यादो में उन सरे दोस्तों को और हसने रोने के बहाने ढून्ढ लेती हूँ
wow.... as always..
ReplyDeletebhut sunder di..kahi yado me kho gaye hum v..nice....:)
ReplyDeletepumba तुझे हमेशा timon कह कर ही बुलाएगा...and i will be with you always...और वैसे भी बस यादें ही तो साथ रह जाती हैं , बाकी सब तो बस बीत जाता है .
ReplyDeletegreat..and very apt :)
ReplyDeleteMarvelous.... Really Touchy.... U have reminded me also those unforgettable days.... Keep on writing like this so as to enable us to be in touch with those to whom we don't meet daily but can remember them through your lines....
ReplyDeleteGreat ........
Keep Writing......
Nice yaar.. mast h..
ReplyDeleteTumne to mje school k din yaad dila diye...
Those dayz wer really precious...
i wish i can live those dayz again...
very much touchy.. keep writing and reminding me... :-)
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ReplyDeletevery nice...good views and feelings. Bachpan ke din yaad aa gaye...jab school me masti krte the...pehle sochti thi ki pata nahi bachpan ko golden time kyu kehte hain, tab bade hone ki bahut jaldi thi, exams bahut irritating lagte the, par ab smjh aa gaya hai ki bachpan ko golden time kyu kehte the. Life ke exams se better vo school ke exams hain. :)
ReplyDeletejindagi chalti rahti hain
ReplyDeleteaur saath chod jati hain to sirf yaadein
nice poem
mere blog par bhi aaiyega
umeed kara hun aapko pasand aayega
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