Tuesday, September 25, 2012

तेरा साथ !!!!

लोग कहते है मुझे पागल, कोई मुझसे पूछे तो बताऊँ उन्हें मैं ...
तेरी खुशबू को सांसो में बसा के जीने का मज़ा ही कुछ और है।
वो तो रहते है अपने ही धुन में खोये कही , उन्हें कौन बताये
तेरी यादों में गुम होने का मज़ा ही कुछ और है
करते होंगे वो कीमती नशा ,महंगी दुकानों से , कौन बताये उन्हें
तेरी आँखों से नशा करने का मज़ा ही कुछ और है।
वो जलते है दुनिया की भीड़ में एक तिनका बनके , कौन समझाए उन्हें
तेरी तनहाइयों में कतरा कतरा पिघलने का मज़ा ही कुछ और है .
वो दिलाते है भरोसा आपने हुनर का , कोई कैसे कहे उनसे
तेरी यकीन पे यकीन करने का मज़ा ही कुछ और है।
वो गिर जाते है रोशनी में भी चलते हुए , कोई बता दे उन्हें
तेरी परछईयों को पकड के चलने का मज़ा ही कुछ और है।
वो निकलते है किनारों से बच के अक्सर , कोई दिखाए उन्हें
तेरी गहराईयों में उतरने का मज़ा ही कुछ और है।








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