जब मैं ना रहूँ ... इतना याद रहे...
मेरे साथ बहे वो थोड़े आंसू ...और खुल के वो जोर का हसना याद रहे ...
कभी जब भीड़ में तन्हा पाओ खुद को...थी कोई परायी जो अपनी थी ये याद रहे...
जब कभी परेशान हो दुनिया की बातों से...थी कोई पगली सी जो थोड़ी सायानी थी ये याद रहे...
अपनों के संग जब भी दीपों का भी त्यौहार मनाओ तुम...जला था कोई दिए सा तुम्हारे लिए ये याद रहे...
जब कभी दुनिया रंगे तुम्हए अपने रंगों में...रंगा था कोई तुम्हारे रंग में कभी ये याद रहे...
जब कभी नींद ना आये रातों में...हमारा साथ में वो रात भर जागना याद रहे...
कभी जब गर्मी में जल के आओ ...तो वो कड़ाके की ठण्ड में कुल्फी खाना याद रहे...
जब कभी कोई सोचा काम हो जाये ...तो उस पे "ये अच्छा प्लान है " कहना याद रहे...
जब कभी कोई टेबल के निचे बैठ के रोटी खाए ...तो उसे प्यार से बिल्ली बुलाना याद रहे...
जब मैं ना रहूँ ... इतना याद रहे...
Its really nice...
ReplyDeleteawsummmm...!!!
yaad rahega ji.. abhi tak to sab kuch yaad hai.. aage bhi yaad rahega.. too gud hai ji, too gud hai.. :-) :-) :-)
ReplyDeleteIts too good Annai.... awesome.!!!!!!.. vicchar acche hain... keep on writing...
ReplyDeleteapne shabdon se kitne arth badal dete ho har ek manjar ko shajar kar dete ho kitna thairab hai kuch bhi kaho tumahri har ek baat laajabab hai
ReplyDeleteReally Nice... Keep on writing like this.....
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ReplyDeletethanks timOn....बस तेरा मेरा साथ रहे और ये प्लान कामयाब रहे...love you...your pumBa.
ReplyDeletei really likes dis blog as it is a common association wid everyone in some point in his/her life.....but we hv to move on
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