Thursday, March 14, 2013

याद है...

तेरा मुझे बेवज़ह देख के मुस्कुराना याद है
देर रात बिना बात के घंटों बातें बनाना याद है
हूँ मैं भी खूबसूरत , तेरा हल पल मुझे ये एहसास दिलाना याद है
भूल सारे अफसाने , अपने प्यार का तराना गाना याद है
याद है हर किया हुआ वादा
पल जो बचे थे उन पलों से लम्हे चुराना याद है
याद है वो तेरा मेरा बिना बहाने हाथ थामना
तेरा वो हर दिन मेरी राह देखना याद है
याद है वो मेरे लिए यूँ ही फूल लाना
तेरा मेरी ख़ामोशी को भी समझना याद है
याद है मेरी एक मुस्कराहट के लिए कुछ भी कर गुजरने का जज्बा
मेरे हर दर्द को तेरा अपना समझना याद है.
मैं तो कुछ भी नहीं भूली , पर क्या तुम्हे साथ बीताई कोई बात याद है ?