Wednesday, September 19, 2012

फर्क ...

सीखा था  तुमसे प्यार करने का मतलब ,
साथ होने और साथ देने में  फर्क ,
चलो इस बार किसी और के साथ हो लेते हैं , तुम्हारा साथ फिर कभी दे देंगे .
सिखा था तुमसे हसने , रोने का मतलब ,
ज़िन्दगी बिताने और जीने का फर्क ,
चलो इस बार ज़िन्दगी बीता  लेते है , तुम्हारे साथ ज़िन्दगी फिर कभी जी लेंगे ,
सिखा था तुमसे किसी का हो जाने का मतलब
रास्तों पे चलने और बढ़ने का फर्क  ,
चलो इस बार चलते है ज़िन्दगी से प्यार फिर कभी कर लेंगे।।।



1 comment:

  1. Great line ma'am.

    My attempt at farq...

    Farq kya hai sochte ye sochte hi rah gaye,
    Lahren uthi aur zindagi ke safine me bah gaye.
    Bahte hue yu har lahar ka saath ham dete gaye,
    Hosh jab dil ko hua to lapta sahil mile....

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